बिखरती भी है , सवरती भी है
बनती भी है , बिगड़ती भी है
हर पल एक नया मंज़र देखती भी है ,
कुछ अधुरी भी है , कुछ पूरी भी है ,
ना थकी है कभी ,
ना रुकी है कभी
हर दर्द को सहा है तुने ,
हर ख़ुशी को महसूस किया है तुने ,
तु सबकी है जान
ये है दिल्ली मेरी जान...
its gud..:)
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